लड़कियाँ बख़ूबी जानती हैं किस पौधे को कितना पानी देना है। फिर भी सिर्फ़ दो मौक़े ऐसे होते हैं जब लड़कियाँ जाने-अनजाने में हद से ज्यादा पानी दे देती हैं। पहला, जब उन्हें लगे कि किसी पेड़ को सच में पानी की जरूरत है। दूसरा, जब किसी पौधे का फूल उन्हें पसंद आ जाए ।
पेड़ की प्यास में और पसंदीदा फूल के लगाव में लड़कियाँ भूल जाती हैं कि कहां पानी रोकना चाहिए था। वो भूल जाती हैं कि ज्यादा पानी देना भी खतरनाक हो सकता है। कुछ दिन अच्छे से खिलने के बाद पौधे धीरे-धीरे मुरझाने लगता हैं, लड़कियों की लाख कोशिशों के बाद भी जब पौधा सही नहीं होता तो लड़कियां इसका सारा इल्जाम अपने सर ले लेती हैं।
पौधों के सूखने पर लड़कियों को समझ आता है कि प्यासे को ज्यादा पानी पिलाने पर उसकी प्यास बढ़ भी सकती है और ज्यादा लगाव भी अलगाव का कारण बन सकता है। एक प्यासे की प्यास से और खूबसूरती के लगाव से लड़कियाँ बख़ूबी जान जाती हैं कि किस पौधे को कितना पानी देना है।
पेड़ की प्यास में और पसंदीदा फूल के लगाव में लड़कियाँ भूल जाती हैं कि कहां पानी रोकना चाहिए था। वो भूल जाती हैं कि ज्यादा पानी देना भी खतरनाक हो सकता है। कुछ दिन अच्छे से खिलने के बाद पौधे धीरे-धीरे मुरझाने लगता हैं, लड़कियों की लाख कोशिशों के बाद भी जब पौधा सही नहीं होता तो लड़कियां इसका सारा इल्जाम अपने सर ले लेती हैं।
पौधों के सूखने पर लड़कियों को समझ आता है कि प्यासे को ज्यादा पानी पिलाने पर उसकी प्यास बढ़ भी सकती है और ज्यादा लगाव भी अलगाव का कारण बन सकता है। एक प्यासे की प्यास से और खूबसूरती के लगाव से लड़कियाँ बख़ूबी जान जाती हैं कि किस पौधे को कितना पानी देना है।