Thursday, November 23, 2023

आज हम गांधी जी को भूल चुके हैं। आखिरी आदमी के

आज हम गांधी जी को भूल चुके हैं। आखिरी आदमी के प्रति ध्यान देने के उनके इशारे को हमने हवा में उड़ा दिया है। इसलिए ऐसे लोग समाज में बहुसंख्यक हैं। गरीब किसान कर्ज का बोझ सह न पाने के कारण आत्महत्या करते हैं। विकास के नाम पर किसानों को विस्थापित किया जाता है। स्त्रियों पर होने वाले बलात्कार और अन्य प्रकार के अत्याचारों की प्रचुरता है। दलितों पर हीनतम अत्याचार होते रहते हैं। राजनीति में अपराधियों की संख्या बढ़ती जा रही है, और हमारी संसदीय संरचना इसके प्रति चुप्पी साधे है। धन केंद्रित एक कृत्रिम संस्कृति शीर्ष पर है। गरीबों की स्थिति शोचनीय है।